अष्टक्षण और त्रिकाल
१. महामहाक्षण
रात में ११३० से १२ बजे तक।
२. महाक्षण -रात में १२ बजे से ३ बजे तक।
३. ब्राह्मक्षण - रात में ३ बजे से सूर्योदय तक।
४. मायाक्षण - सूर्योदय से सबेरे बजे ८ तक
५. मोहमाया - क्षण सबेरे ८ बजे से मध्याह्न १२ बजे तक।
६. अभिशप्त - क्षण मध्याह्न १२ बजे से अपराह्न 3 बजे तक।
७. दग्धक्षण - अपराह्न ३ बजे से सन्ध्यापूर्व तक।
८. संधिक्षण - ठीक सन्ध्यावेला में सूर्यास्त के समय।
सन्ध्या के बाद त्रिकाल के कार्य जानना आवश्यक 'त्रिकाल' का अर्थ है काल , अकाल, और कालाकाल।
१. काल- काल सन्ध्या से रात के ८ बजे तक।
२. अकाल - रात ८ बजे से रात १० बजे तक।
३. कालाकाल - रात १० बजे से रात ११ बजे तक।
इन तीनों के मिलने से जो शक्ति उत्पन्न होती है उसका नाम है त्रिकालशक्ति। इसे आस्था कहते हैं। इसके बाद रात्रि ११.३० को आधार कहते हैं। कालाकाल की अवस्था में जब आधार उत्पन्न होता है तब क्षण आकर युक्त होता है। उससे जो आविर्भूत होता है उसका नाम महामहाक्षण है।
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