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हवन /यज्ञ ।।

किसी भी अनुष्ठान को हवन से पूर्ण करने का शास्त्रीय विधान है परन्तु हवन या यज्ञ का शुभ फल पाने के लिए महत्वपूर्ण है कि अग्नि वास का ध्यान रखना |
अक्सर देखने में आता है कि लोग घर में सुख शांति और समृद्धि आदि विभिन्न कार्यों की पूर्ति हेतु यज्ञ (हवन) करवाते हैं उलटे उसके बाद से घर में परेशानियां आ जाती हैं

इस प्रकार कि परेशानियों से बचने का उपाय है हवन से पूर्व अग्नि के वास का ज्ञान करना

अग्नि वास

जिस दिन आपको हवन करना हो , उस दिन की तिथि और वार की संख्या को जोड़कर 1 जमा करें फिर कुल जोड़ को 4 से भाग देवें |

(तिथि संख्या +वार की संख्या) + 1 = कुल जोड़ ÷

4

(1) यदि शेष शुन्य (0) अथवा 3 बचे, तो अग्नि का वास पृथ्वी पर होगा और इस दिन हवन करना कल्याणकारी होता है । पृथ्वी पर अग्नि का वास सुखकारी होता है | हवन शुभ फलदायी होगा

(2) यदि शेष 2 बचे तो अग्नि का वास पाताल में होता है और इस दिन हवन करने से धन का नुक्सान होता है ।

(3) यदि शेष 1 बचे तो आकाश / स्वर्ग में अग्नि का वास होगा, इसमें होम करने से आयु का क्षय होता है । स्वर्ग में अग्नि का वास अशुभ और प्राण नाशक माना गया है

* वार की गणना रविवार से तथा तिथि की गणना शुक्ल-पक्ष की प्रतिपदा से करनी चाहिए

जो लोग नित्य अग्निहोत्र करते, उन्हें अग्नि वास देखने की जरूरत नहीं।

जो कभी कभी आहुति की योजना बनाते, उन्हें जरूर देखना चाहिए

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