इसलिए की गई है ये पहल ~
क्षेत्रीय सह संयोजक, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली, ओम शर्मा ने बताया कि हमारे यहां सारे तीज-त्योहार और सभी शुभ कार्य तिथि के अनुसार ही मनाए जाते हैं। जैसे पूर्णिमा को होली दहन होता है तो अमावस्या को दीवाली मनाई जाती है। इन त्योहारों की तारीख बदल सकती है पर तिथि नहीं। एकमात्र जन्मदिन अंग्रेजी तारीख के अनुसार मनाया जाता है। जब पूरा विश्व भारतीय संस्कृति को आत्मसात करने के लिए लालायित है तो फिर हम क्यों पाश्चात्य संस्कृति की तरफ बढ़े चले जा रहे हैं। हम ऐसा प्रयास कर रहे हैं कि अब बच्चों का जन्मदिन भारतीय तिथि के अनुसार मनाया जाए और इस बारे में बच्चों को भी जानकारी हो। इस दिशा में हम बीते 6 माह से प्रयास कर रहे हैं। काफी कठिनाई भी आ रही है, क्योंकि अधिकांश लोगों को अपने बच्चे की जन्म की अंग्रेजी तारीख तो पता है लेकिन उस दिन तिथि कौन सी थी, इसकी जानकारी नहीं है। इसके लिए हम एक एप्लीकेशन की मदद से तिथि की जानकारी जुटाने में लगे हैं। यह तिथि बच्चों की अंकसूची में दर्ज करवाएंगे।
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