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आनंद केंद्र :--

      आनंद केंद्र फुफ्फुस के नीचे, ह्रदय का पार्श्ववर्ती स्थान है । यह थाइमस ग्रंथि का प्रभाव क्षेत्र है । हठयोग में , इसे अनाहत चक्र कहा जाता है । योग विद्या के अनुसार, इसके 12 दल है । उनमें से प्रत्येक में , एक - एक वृत्ति का वास माना गया है । जैसे --- आशा, चिंता, चेष्टा, ममता, दंभ, चंचलता, , विवेक, अहंकार, लोलुपता, कपट, वितर्क और अनुपात ।

      एक जैन ग्रंथ में , ह्रदय कमल आठ पंखुडि़यों वाला बतलाया गया है । प्रत्येक पंखुडी़ में , एक-एक वृत्ति रहती है । जैसे ----- कुमति, जुगुप्सा, भक्षिणी, माया, शुभमति, साता, कामिनी और असाता। पंखुडि़यों पर, मनुष्य के भावों का परिवर्तन होता रहता है । उसके आधार पर, नाना प्रकार की , वृत्तियां प्रकट होती रहती है । .

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