1. स्नान और शुद्धि
सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ रखें और एकाग्र मन से पूजा करने का संकल्प लें।
2. धूप-दीप जलाना
पूजा स्थल पर दीपक और धूप जलाएं। दीपक भगवान की उपस्थिति का प्रतीक होता है और धूप वातावरण को शुद्ध करती है।
3. इष्ट देवता की प्रार्थना
अपने इष्ट देवता (जिन्हें आप पूजते हैं) की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें। ध्यान करें और कुछ समय शांत रहें। प्रार्थना या मंत्र का जाप करें। आप "ॐ" का उच्चारण भी कर सकते हैं या फिर "ॐ नमः शिवाय", "ॐ विष्णवे नमः" जैसे मंत्रों का जप करें।
4. पुष्प अर्पण
भगवान को ताजे फूल अर्पित करें। यह भक्ति का प्रतीक होता है और पुष्पों से पूजा में सौंदर्य और पवित्रता आती है।
5. नैवेद्य (प्रसाद) चढ़ाएं
कोई भी शुद्ध और सरल भोजन जैसे फल या मिठाई भगवान को चढ़ाएं। यह प्रसाद अंत में सभी भक्तों के साथ बांटा जा सकता है।
6. आरती
छोटी सी आरती करें, जिसमें भगवान को दीपक दिखाएं। इसके साथ "ॐ जय जगदीश हरे" जैसी आरती गाएं या फिर कोई छोटी प्रार्थना कर सकते हैं।
7. प्रणाम और ध्यान
पूजा समाप्त होने पर भगवान को प्रणाम करें और कुछ समय तक ध्यान में बैठें। मन को शांति और स्थिरता प्रदान करें।
8. शांति मंत्र
पूजा के अंत में "ॐ शांति शांति शांति" का उच्चारण कर सकते हैं ताकि आपके और आपके परिवार के जीवन में शांति और संतुलन बना रहे।
इस प्रकार की सरल पूजा विधि से आप प्रतिदिन अपने इष्ट देवता की भक्ति कर सकते हैं।
महत्वपूर्ण यह है कि श्रद्धा और भक्ति से किया गया कोई भी कर्म ही सही पूजा मानी जाती है।
जय श्री राधे ।।
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