ये कथन यथा ही सत्य है ईश्वर को जिस भाव से स्मरण करे वही भाव उत्तम है एवं महादेव का कोई भी निरंकार साकार सरूप भक्तों के लिए सदैव ही स्वतः हितकारी है किंतु ज्योतिष वेदों के नेत्र है उसी आधार पर कहा गया है कि भारत में भगवान महादेव के बारह ज्योतिर्लिंग हैं, जिनका अपना अलग महत्व है तथा ये सभी ज्योतिर्लिंग बारह राशियों से भी जुड़े हैं। अलग-अलग राशि के लोगों के लिए अलग-अलग ज्योतिर्लिंग की पूजा का अपना अलग महत्व है। आइए जानते हैं किस राशि के व्यक्ति को किस ज्योतिर्लिंग की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है।
🔹मेष राशि – सोमनाथ ज्योतिर्लिंग -
मेष राशि वाले जातकों को सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए व शिवलिंग पर पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है, जिसकी स्थापना स्वयं चन्द्रदेव ने की थी।इस मन्दिर में सोमनाथ की पूजा पंचामृत से की जाती है।
मन्त्र - ॐ सोमनाथाय ज्येतिर्लिंगाय नमः
🔹वृषभ राशि – मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
वृषभ राशि के जातको को मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए व शिवलिंग पर दूध की पतली धार बनाते हुए रुद्राभिषेक करें। श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग एक ऐसा तीर्थ है, जहाँ भगवान शिव और देवी शक्ति की आराधना से देवता और दानव दोनों को फल प्राप्त हुए।
मन्त्र - ॐ मल्लिकार्जुनाय ज्येतिर्लिंगाय नमः
🔹मिथुन राशि – महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग -
मिथुन राशि के जातको को महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए व शिवलिंग का अभिषेक दूध में शहद मिलाकर करना चाहिए। महाकालेश्वर मन्दिर (म.प्र.) राज्य के उज्जैन नगर में स्थित है, जो कि क्षिप्रा नदी के किनारे बसा है। इनकी पूजा करने से अकाल मृत्यु नहीं होती हैं।
मन्त्र - ॐ महाकालाय ज्येतिर्लिंगाय नमः
🔹कर्क राशि – ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
कर्क राशि वाले जातकों को ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए व शिवलिंग पर पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। श्री ओंकारेश्वर (म.प्र.) खण्डवा जिले में स्थित है। यह नर्मदा नदी के बीच मान्धाता तथा शिवपुरी नामक द्वीप पर स्थित है।
मन्त्र - ॐ ओंकारेश्वराय ज्येतिर्लिंगाय नमः
🔹सिंह राशि - बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
सिंह राशि के जातको को बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए व जल में दूध, दही, गंगाजल और मिश्री मिलाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करना चाहिए। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक यह ज्योतिर्लिंग लंकापति रावण द्वारा यहाँ लाया गया था।
मन्त्र - ॐ बैद्यनाथाय ज्येतिर्लिंगाय नमः
🔹कन्या राशि - भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
कन्या राशि के जातको को भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का ध्यान करना चाहिए व दूध में घी मिलाकर शिवलिंग को स्नान करवाना चाहिए। मान्यता है कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने मात्र से व्यक्ति को समस्त दुःखों से छुटकारा मिल जाता है।
मन्त्र - ॐ भीमशंकराय ज्येतिर्लिंगाय नमः
🔹तुला राशि - रामेश्वरम् ज्योतिर्लिंग
तुला राशि वाले जातकों को रामेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए व दूध में बताशा मिला कर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। रामेश्वरम अथवा रामलिंगेश्वर ज्योतिर्लिंग हिन्दुओं के चार धामों में से एक धाम है। यह तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जिले में स्थित है।
मन्त्र - ॐ रामेश्वराय ज्येतिर्लिंगाय नमः
🔹वृश्चिक राशि – नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
वृश्चिक राशि के जातको को नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की आराधना करनी चाहिए व दूध और धान के लावा से शिवलिंग को स्नान करवाना चाहिए। नागेश्वर अर्थात् नागों का ईश्वर और विषादि से बचाव का संकेत भी है, महाशिवरात्रि के दिन इनका दर्शन करने से दुर्घटनाओं से बचाव होता है।
मन्त्र - ॐ नागेश्वराय ज्येतिर्लिंगाय नमः
🔹धनु राशि - विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
धनु राशि के जातकों को वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए। धनु राशि वालो को महाशिवरात्रि तथा सावन माह को गंगाजल में केसर मिलाकर भगवान शिव को अर्पित करना चाहिए।
मन्त्र - ॐ विश्वनाथाय ज्येतिर्लिंगाय नमः
🔹मकर राशि - त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग
मकर राशि के जातकों को त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए व गंगाजल में गुड़ मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। इस ज्योतिर्लिंग की अद्भुत विशेषता यह हैं कि, इस ज्योतिर्लिंग में भगवान ब्रह्मा, विष्णु एवं शिव का प्रतीक तीन चेहरों के दर्शन होते हैं।
मन्त्र - ॐ त्र्यंबकेश्वराय ज्येतिर्लिंगाय नमः
🔹कुम्भ राशि – केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
कुम्भ राशि वाले जातकों को केदारनाथ ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए व शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराना चाहिए। श्री केदारेश्वर केदार नामक एक पहाड़ पर और पहाड़ों के ऊपर पूर्व दिशा में मन्दाकिनी नदी पर, हिमालय पर स्थित है।
मन्त्र - ॐ केदाराय ज्येतिर्लिंगाय नमः
🔹मीन राशि – घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग
मीन राशि वाले जातकों को घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए। इस राशि वाले जातकों को सावन के महीने में दूध में केसर डालकर शिवलिंग को स्नान कराना चाहिए। यह ज्योतिर्लिंग 12वें ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रसिद्ध हैं।
मन्त्र - ॐ घृष्णेश्वर ज्येतिर्लिंगाय नमः
शिव जी की पूजा की दौरान ध्यान रखने योग्य बाते
1. जातक को सदैव उत्तर की ओर मुख करके भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
2. भोलेनाथ की पूजा में भूलकर भी शंख से पूजन न करें।
3. घर में शिवलिंग न रखें और कोशिश कर के मंदिर में जा कर ही शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
4. शिवलिंग पर नारियल पानी न चढ़ाएं।
5. भगवान शिव योगी हैं और पुरुषत्व के प्रतीक हैं इसी कारण से इनकी पूजा में हल्दी, कुमकुम, रोली और सौंदर्य प्रसाधन की चीजों को प्रयोग नहीं करना चाहिए।
6. शिवजी को तुलसीपत्र, कुटज, नागकेशर, बन्धूक (दुपहरिका), मालती, चम्पा, चमेली, कुन्द, जूहि, मौलीसेरी, रक्तजवा (लाल उठडल), मल्लिका का (मोतिका), केतकी (केवड़ा) आदि न चढ़ाएं।
0 comments:
Post a Comment