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प्रकृति से किस प्रकार से जुड़ें, किस प्रकार से सीखें ~

० जहां घोड़े पी रहे हैं वहीं पानी पिएं क्योंकि वे कभी भी दूषित पानी नहीं पीएंगे।


० अपना बिस्तर वहीं लगाएं जहां बिल्ली सोती है,क्योंकि उसे शांति पसंद है।

० जिस भी फल को कीड़े ने छुआ है लेकिन उसमें घुसा नहीं है वह खाएं,कीड़ा हमेशा पके फल की तलाश में रहता है।
और जहाँ छछूँदर खोदे, वहाँ अपना पेड़ लगाओ, क्योंकि वह उपजाऊ भूमि है।

० अपना घर बनाओ वहां जहाँ साँप अपने आप को गर्म करने के लिए बैठता है, क्योंकि वह स्थिर भूमि है जो गिरती नहीं है।

० उस जगह पर पानी को खोजने के लिए खुदाई करें जहां पक्षी गर्मी से छिपते हैं। पक्षी जहां भी खड़े होते हैं, पानी छिप जाता है।

० और सो जाओ पक्षियों के कलरव के साथ और पक्षियों के साथ जागो - यह सफलता की खोज है।

० सब्जियां ज्यादा खाएं-आपके पास मजबूत पैर और जंगल के जानवरों की तरह प्रतिरोधी दिल होगा।

० जब भी आपको समय मिले तैरें तब आपको ऐसा लगेगा जैसे आप पानी में मछली की तरह जमीन पर हैं।

० जितना हो सके आकाश की ओर देखें आपके विचार शुद्ध,उज्ज्वल और नीति और निर्णय स्पष्ट होते जाएंगे।
शांत और मौन रहो तुम्हारे हृदय में शांति छा जाएगी, और तुम्हारी आत्मा को शांति मिलेगी


जय श्री राम 🚩🙏🙏

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