उत्तर :---
स्नान के समय निम्नलिखित श्लोक का जहाँ भी स्मरण किया जाय गंगा जी वहाँ के जल में प्रवेश कर जाती हैं। इसमें गंगा जी के द्वादश (बारह) नाम हैं जो सभी पापों को हरने वाले हैं। इसे गंगा जी ने स्वयं अपने मुख से कहा है :---
नन्दिनी नलिनी सीता मालती च महापगा ।
विष्णुपादाब्जसम्भूता गङ्गा त्रिपथगामिनी ।।
भागीरथी भोगवती जाह्नवी त्रिदशेश्वरी ।
द्वादशैतानि नामानि यत्र तत्र जलाशये ।
स्नानोद्यतः स्मरेन्नित्यं तत्र तत्र वसाम्यहम् ।।
नन्दिनी, नलिनी, सीता, मालती, महापगा, विष्णुपादा, गङ्गा, त्रिपथगामिनी, भागीरथी, भोगवती, जाह्नवी और त्रिदशेश्वरी ।
वैसे तो गंगा जी के 108 नाम हैं पर ये द्वादश नाम मुख्य नाम हैं।
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