1) जहां से गंगा जी का जल दिखने लगे वहां से पादुकाओं का त्याग करके पैदल ही चलना चाहिए।
2) गंगा जी के समीप जाकर के सबसे पहले उन्हें देखते ही हाथ जोड़कर यह प्रार्थना करना चाहिए-:
मां आज मेरा जन्म सफल हो गया मेरा पृथ्वी पर जिना सफल हो गया जो मुझे आज साक्षात् ब्रह्म स्वरूपिणी आपका दर्शन हुआ और मैं इन आंखों से आपको देख पाया। देवी आपके दर्शन के प्रभाव से मेरे अनेक जन्मों के पाप नष्ट हो जाए ऐसी कृपा करें।
ऐसा बोलकर गंगा जी को दंडवत करें और गंगा जी की मिट्टी अपने माथे से लगाए
3) इसके बाद गंगा जी से प्रार्थना करें कि मां आपका जल बहुत पवित्र है देवताओं के लिए भी दुर्लभ है मैं आपके इस पवित्र दिव्य जल को पैरों से स्पर्श कर रहा हूं इसके लिए मुझे क्षमा करें और मुझ पर प्रसन्न होंईए अपना वात्सल्य मुझ पर रखिए।
4) इतना बोलने के पश्चात गंगा जी का नाम लेते हुए गंगा जी के जल को शिरोधार्य करके फिर उसमे डुबकी लगाई
5) डुबकी लगाने के पश्चात अपने कपड़े इतनी दूर निचोड़ की उसका जल गंगा जी में वापस न जाए। उसके बाद अपने शरीर पर गंगा जी की मिट्टी का तिलक करें और वस्त्र आदि पहनकर संध्या वंदन गायत्री जप आदि करें
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